Saturday, July 1, 2017

History of Shri Kabir Dham Kirthal

इतिहास के परिपेक्ष्य मे किरठल कबीर धाम । आज से लगभग साढ़े पाँच सौ साल पहले श्री सदगुरु गुरु कबीर साहेब जी की आज्ञानुसार उनके ज्येष्ठ शिष्य कमाल साहेब जी ,साहेब कबीर जी की  महिमा व वाणी का प्रचार करने के लिए काशी से उत्तर की ओर प्रस्थान किया तो मार्ग मे सत्संग करते - करते इस स्थान पर आये और स्थान को अनुकूल समझ कर कुछ समय ठहरने का निश्चय कर लिया । उस समय यहाँ आबादी नही खेत थे और यह स्थान कीरत राम सैनी के खेत मे सर्वोच्च टीला था, सभी कीरत राम को कीरती के नाम से पुकारते थे, ठीक इसी के आधार पर श्री कमाल साहेब जी ने स्थान का नाम किरत स्थल रख दिया । जो आज किरठल के रूप मे स्थित है प्रतिदिन सत्संग होने लगा तथा साहेब कबीर जी की महिमा का गुणगान होने लगा। प्रभावित होकर क्षेत्रीय लोगो की भीड़ इकट्ठी होने लगी और स्थान का महत्व बढ गया । ठीक - 25 दिन बाद श्री कमाल साहेब जी अपने पुर्व निर्धारित लक्ष्य की ओर प्रस्थान कर गये । कालांतर मे श्री कमाल टीले का विकास होता गया । ऐतिहासिक उपलब्धियो के आधार पर तीस महंतो की परम्परा का सहयोग अभी तक इसकी सुरक्षा और सेवा मे समर्पित रहा है। मुख्य रूप से आज से पुर्व की चौथी पीढी  ( लगभग -100 वर्ष पूर्व ) मे योगीराज महंत श्री प• रूपदास जी साहेब जी ने इस गद्दी के उत्तर दायित्व को हस्तगत किया । उन्होंने इस गद्दी का विकास विस्तार और प्रगति, उच्च स्तर पर की इसकी अनेक शाखाएं लाहौर, अम्बाला, तीतरो, जगरावा, टीकरोल, और हरिद्वार आदि स्थानो पर स्थापित कर पवित्र कबीर - ध्वज फहरा दिया । और प्रसार - प्रचार द्रुतगति से स्वम ही गतिमान होता गया । सन् -1974 की उलट-पुलट मे भौगोलिक सीमाएं छोटी होती गई और गद्दी का आकार सीमित सा हो गया । जैसे - तैसे महंत श्री जीवन दास जी साहेब ( जो बृहम दास जी साहेब के गुरू रहे है ) जो भी बचा, बचा लिया । परंतु दुर्भाग्य सन् - 1974 मे उनका  सत्यलोक गमन हो गया। और श्री बृहम दास साहेब बाल्यकाल की दहलीज पर थे लेकिन उनकी गुरू भक्ति और कबीर गद्दी प्रेम ने उन्हे उद्वेलित कर दिया तथा सेवको का सहयोग लेकर श्री दरबार साहेब गद्दी किरठल  ( बागपत ) की प्रतिष्ठा को उसके वास्तविक स्वरूप को सैकड़ो गुणा कद्दावर कर दिया । जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज आपके सामने है ।
सप्रेम साहेब बन्दगी साहेब ।                            
*यह लेख श्री राजीव पँवार जी के Whatsapp पेज से लिया गया है*

Bhuiyar / Kori Samaj 
Daya Ram Singh Bhamra 

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